सफर ख्वाहिशों का


 ए जिंदगी थोड़ा सब्र तो रख, अभी कई इम्तेहान बाकि है।

अभी तो शुरुवात है, अभी तो खाली पन्नों को भरना बाकी है।

वो जो रंगीन सा आसमान, वो बादल उसे छु आना अभी बाकी है। 

अभी थका जरूर हूँ मगर, अभी हौसले में उड़ान बाकी है।

बनी है तस्वीर जो, उसमें भी रंग भरना अभी बाकी है। 

तू बस साथ देना ए जिंदगी, तेरी चौखट में अभी कई इम्तेहान बाकि है।

                                                      अनिल करानगरु

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