ख़्वाब

आज  फिर एक हसीं किसा जिंदगी से जुड़ गया, टुटा ख़्वाब जुड़ते-२ रह गया,
सोचा था के दिल की बातें कह दूंगा उनसे, मगर लगता है ख़्वाब था जो अधूरा रह गया!!!!
                        अनिल करनगरु 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

इजहार-ए-इश्क़

एक और सफर

सपनों का आशियाँ